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You Can Save Lakhs Of Rupees By Using Electric Vehicle In Just 5 Years. मात्र 5 सालों में इलेक्ट्रिक वाहन से लाखों रुपए की सेविंग कर सकते हैं

नमस्कार दोस्तों, आज हम आपको इलेक्ट्रिक वाहन के बारे में ऐसी खुफिया बातें बताने वाले हैं,जिसे कंपनियां सालों से छुपा रही है या फिर लोगों की बीच भ्रम की स्थिति पैदा की जा रही है। कैसे बिना चले एक गैसोलीन वाहन Electric Vehicle से ज्यादा इलेक्ट्रिसिटी और कार्बन का उत्सर्जन करता है।

Electric Vehicle कैसे गैसोलीन वाहनों की तुलना में किफायती है

एक गैसोलीन वाहन 30 से 35% ही कुशल होता है कहने का अर्थ है एक गैसोलीन इंजन अपनी कुल ऊर्जा का 30 से 35 % उपयोग कर पता है, बाकी बची 65 से 70% ऊर्जा बेकार जाती है 30 से 35%  ऊर्जा इंजन को गति दे पाती है, बाकी बची हुई ऊर्जा ऊष्मा के रूप में नष्ट हो जाती है। जबकि Electric Vehicle 70 से 75% कुशल होते है। कहने का अर्थ है एक Electric Vehicle अपनी कुल ऊर्जा का 70 से 75% उपयोग कर पाता है 20 से 30 % ऊर्जा ही ऊष्मा के रूप में नष्ट होती है, उसमें भी रीजेनरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम के माध्यम से गतिज ऊर्जा को इलेक्ट्रिकसिटी के रूप में बैटरी को पुनः चार्ज करने के काम आती है, जरूरत पड़ने पर इस इलेक्ट्रिसिटी के माध्यम से बैटरी चार्ज होकर Electric Vehicle की कुशलता में वृद्धि कर देती है। इसे और अच्छे से समझने से पहले इलेक्ट्रिक वाहन और गैसोलीन से चलने वाले वाहन के पार्ट के बारे में समझना होगा।

Electric vehicles and gasoline vehicle parts in hindi इलेक्ट्रिक वाहन और गैसोलीन से चलने वाले वाहन के पार्ट

इलेक्ट्रिक वाहन व गौसोलिन वाहन को चलाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण पार्ट की आवश्यकता होती है जो उस कार मे लगे होते है।

इलेक्ट्रिक वाहन गैसोलिन वाहन
मोटर (डायनेमो और जनरेटर)इंजन
बैटरीCrankshaft ,रेडी वाटर
इनवर्टरसिलेंडर हेड, टाइमिंग बेल्ट
सॉफ्टवेयरस्पार्क प्लग, गियरबॉक्स

Electric Motor in hindi इलेक्ट्रिक मोटर

इलेक्ट्रिक मोटर बैटरी से प्राप्त इलेक्ट्रिक  करेन्ट से घूमती है, यह मोटर इलेक्ट्रिक ऊर्जा को गतिज ऊर्जा में परिवर्तित कर देती है जो कार के पहिए को घूमाने का काम करती है। अब नई टेक्टोनोलाजी के माध्यम से मोटर डाइनेमो और जनरेटर दोनों को काम करती है।

Dynamo in hindi डायनेमो

डायनेमो के अंदर स्थिर भाग को स्टैटर कहा जाता है इसका कार्य मोटर के अंदर चुंबकीय क्षेत्र बनाना होता है जबकि मशीन के गतिशील भाग को रोटर या आर्मेचर कहा जाता है, जो चुंबकीय प्रवाह की रेखाओं के बीच घूमता है छोटे जनरेटर में स्टैटर के रूप में परमानेंट चुंबक का उपयोग किया जाता है, जबकि बड़े जनरेटर में चुंबकीय क्षेत्र जनरेट करने के लिए विद्युत द्वारा उत्पन्न किया जाता है।

Generator in hindi जनरेटर

जनरेटर यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदलता है, जैसे इलेक्ट्रिक कार में लगी मोटर,पवन चक्की मे लगी मोटर आदि जो बैटरी से करंट मिलना बंद हो जाने पर यह मोटर एक जनरेटर की तरह काम करने लगती है, क्योकि कार के पहिए के घूमने से पैदा हुई इलेक्ट्रिसिटी बैटरी को चार्ज करने में मदद करती है जिससे Electric Vehicle की कुशलता बढ़ जाती है।

Electric car inverter in hindi इलेक्ट्रिक कार का इनवर्टर

इलेक्ट्रिक कार में एक इनवर्टर का उपयोग किया जाता है जो प्रत्यावर्ती धारा को प्रत्यक्ष धारा मे और प्रत्यक्ष धारा को प्रत्यावर्ती धारा मे बदलता है क्योंकि अधिकतर कार में डीसी मोटर का प्रयोग किया जाता है क्योंकि डीसी मोटर पावरफुल मानी जाती है इसके लगने से कार की कुशलता भी बढ़ जाती है।

इलेक्ट्रिक कार का सॉफ्टवेयर

प्राय: इसका कार्य इलेक्ट्रिक  कार में लगे इलेक्ट्रॉनिक कॉम्पोनेंट को समय-समय पर कनेक्ट या डिस्कनेक्ट करना होता है जिससे कार की एफिशिएंसी  पर फर्क पड़ता है। उदाहरण के लिए डायनेमो से प्राप्त विद्युत ऊर्जा एक पावर बैंक में स्टोर होती है जब कार की बैटरी 20 से 30 % शेष रह जाती है यह पावर बैंक सॉफ्टवेयर की मदद से मेन पावर सप्लाई से जोड़ देता है जब यह बैटरी 100% चार्ज हो जाने पर बैटरी को चार्जर से डिस्कनेक्ट कर देता है। जिससे कार की  Efficiency बढ जाती है

How does a lithium ion battery work? लीथियम आयन बैटरी काम कैसे करती है

अधिकांश Electric Vehicle लिथियम आयन बैटरी से चलती है। यह आगे चलकर बदल सकता है, जैसे जैसे टेक्नोलॉजी में सुधार होगा लिथियम आयन बैट्री में भी सुधार की गुंजाइश हमेशा बनी हुई है, लिथियम आयन बैट्री की दो प्रमुख बातें हैं आप पहले से ही जानते हैं कि यह रिचार्जेबल होती हैं और यह लिथियम तत्व का उपयोग करती है यह जानने योग्य सबसे महत्वपूर्ण बात है लिथियम सबसे हल्की धातु है लिथियम आयन लिथियम का एक परमाणु है, जिसमें सकारात्मक विद्युत आवेश होता है इसलिए आयन बन सकता है क्योंकि श्रणात्मक आवेश वाले इलेक्ट्रॉन को परमाणु से दूर या अलग करना आसान होता है और जानकारी के लिए lithium-ion-battery लिंक पर जा सकते है

लिथियम आयन और सामान संख्या में मुक्त इलेक्ट्रॉन, Electric Vehicle को चलाने के लिए एक सर्किट के माध्यम से बिजली के रूप में प्रवाहित होते हैं, जब लिथियम आयन बैटरी का उपयोग किया जा रहा है तो आयन बैटरी के माध्यम से नकारात्मक टर्मिनल से सकारात्मक टर्मिनल की ओर बढ़ते हैं मुक्त इलेक्ट्रॉन तार द्वारा नकारात्मक टर्मिनल से मोटर तक वापस सकारात्मक टर्मिनल तक जाते हैं लिथियम परमाणुओं को पुनर्गठित करने के लिए इलेक्ट्रॉन सकारात्मक टर्मिनल पर संयोजित होते हैं जब सभी लिथियम आयन एक इलेक्ट्रॉन वापस प्राप्त कर लेते हैं तो बैटरी डिस्चार्ज हो जाती है और बैटरी को चार्ज करने पर यह प्रक्रिया बिल्कुल उलट काम करती है।

जैसे ही बैटरी को चार्ज मे लगाते है लिथियम परमाणु आइनो और इलेक्ट्रोनिक में अलग हो जाते हैं जब लिथियम परमाणुओं को इलेक्ट्रोन में नहीं तोड़ा जा सकता है तो बैटरी पूरी तरह से चार्ज हो जाती है।

गैसोलीन से चलने वाले वाहन के पार्ट

सिलेंडर हैड डीजल इंजन में सिलेंडर को Crankshaft के ऊपर से बंद करने के लिए सिलेंडर हैड का उपयोग किया जाता है, इसके अंदर ईधन कच्छ मौजूद होता है जिसके अंदर ईंधन प्रेशर से पहुंचता है और उसमें मौजूद स्पार्क प्लग से हल्की चिंगारी निकलने पर ईंधन जल उठता है और वहां विस्फोट होता है, जिस कारण सिलेंडर प्रेशर से नीचे की तरफ जाता है, वह सिलेंडर एक Crankshaft से जुड़ा होता है इसी तरह से ईंधन के जलने से इंजन अपनी गतिज ऊर्जा को पहिए में भेजता है जिससे गैसोलीन वाहन चलता है  इस इंजन के अन्य प्रमुख पार्ट कुछ इस प्रकार हैं। पिस्टन, Crankshaft ,सिलेंडर हेड, टाइमिंग बेल्ट, स्पार्क प्लग, गियरबॉक्स, रेडी वाटर, आदि प्रमुख पार्ट होते है।

Maintenance charges for gasoline powered vehicles and Electric Vehicle in hindi गैसोलिन से चलने वाले वाहन और इलेक्ट्रिक वाहन का मेंटीनेंस चार्ज

मेंटेनेंस की बात करे तो गैसोलीन से चलने वाले वाहन की तुलना में बैटरी से चलने वाले वाहन का मेंटिनेस कॉस्ट काम होता है क्योकि एक Electric Vehicle मे मुख्य रूप से मोटर,बैटरी,इनवर्टर और साफ्टवेयर का उपयोग किया जाता है, कम पार्ट होने से मेंटीनेंस कास्ट भी कम आती है, वही गैसोलिन से चलने वाले वाहन मे पिस्टन, Crankshaft ,सिलेंडर हेड, टाइमिंग बेल्ट, स्पार्क प्लग, गियरबॉक्स, रेडी वाटर, आदि प्रमुख पार्ट होते है जितने ज्यादा पार्ट होंगे उसमे उतना घर्षण होता है जितना ज्यादा घर्षण होगा उतनी जल्दी से खराब होंगे।

Regenerative Braking System in hindi रीजनरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम

इसे एक उदाहरण के रूप में समझते हैं जब एक इलेक्ट्रिक वाहन चल रहा होता है तो उसे रोकने या धीमा करने के लिए कार को चलाने वाली मोटर का ही उपयोग किया जाता है, जिससे ब्रेक का कुछ काम कम हो जाता है, इसका फायदा यह होता है यही मोटर एक डायनेमो का काम करने लगती है मोटर की की इलेक्ट्रिसिटी से बैटरी को वापस चार्ज किया जाता है जिसे रीजेनरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम भी कहा जाता है।

Comparison of electric vehicle and gasoline powered vehicle in hindi इलेक्ट्रिक व्हीकल और गैसोलीन से चलने वाले वाहन की तुलना

गैसोलीन या डीजल से चलने वाली कारों से निकलने वाले धुएं ग्रीन हाउस गैसों से बने होते हैं जिन्हें हम वायुमंडल में नहीं छोड़ना चाहते हैं। जमीन से गैसोलीन को निकाल कर कार के टैंक तक लाने में इलेक्ट्रिक वाहन द्वारा ड्राइविंग में उपयोग की जाने वाली बिजली की तुलना में अधिक बिजली उपयोग करते है यानी एक गैसोलीन इंजन कार जो अभी भी खड़ी है उसने इलेक्ट्रिक वाहन को चलाने के लिए उपयोग की जाने वाली बिजली की तुलना में अधिक बिजली का उपयोग किया है। तेल की खोज करना इसे जमीन से बाहर निकालना फिर शिपिंग करना और इसे गैसोलिन और डीजल में बदलने मे बहुत सारी बिजली की आवश्यकता होती है और बहुत सारा कार्बन उत्सर्जन भी होता है, जो वायुमण्डल के लिए बिल्कुल ठीक नही है।

Electric vehicle safety in hindi इलेक्ट्रिक वाहन की सेफ्टी

Electric Vehicle में एक भारी भरकम बैटरी सेट का उपयोग किया जाता है जो कार के  नीचे वाले भाग में लगा हुआ होता है इन्हीं बैटरी सेट से मोटर को पावर मिलती है और वह पहियों को घूमाने का काम करती है, इस बैटरी का कार के नीचे लगाने से कार का गुरुत्वाकर्षण नीचे की तरफ रहता है। इस गुरुत्वाकर्षण केंद्र के कारण कार अधिक स्थिर और सुरक्षित होती है जिससे कर के पलटने की संभावना कम हो जाती है इसका एक और फायदा यह होता है आगे खाली जगह मिल जाने से अचानक कार मे सामने से लगने वाले टक्कर को अवशोषित कर लेती है जिससे कार के अंदर बैठे यात्रियों को चोट लगने की संभावना कम हो जाती है।

Electric Vehicle की ड्राइविंग

Electric Vehicle खरीदने के लिए कार को चार्ज करना एक मात्र बदलाव नहीं है, Electric Vehicleचलाना एक अलग अनुभव है इसका त्वरण कुछ अलग है सबसे पहले जब आप एक्सीलेटर दबाते हैं कार आगे छल जाती है दूसरी बात कार को धीमा करने और रोकने के लिए ब्रेक के साथ अलावा जब आप एक्सीलेटर को कम कर देते हैं कार का रीजनरेट ब्रेकिंग सिस्टम तुरंत काम करने लगता है, यह गतिज ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित कर देता है कार की गति धीमी होने पर इसे बैटरी में संग्रहित कर लेती है इसी को रीजेनरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम कहा जाता है यह अद्भुत विशेषता है जो बैटरी की थोड़ी मात्रा में चार्ज लौटाती है बल्कि कार के ब्रेक पैड को भी बचाती है अगर ब्रेक पैड का उपयोग किया जाए तो ढेर सारी ऊर्जा की बर्बादी होगी जब आप बार-बार ब्रेक दबाते हैं तो वहां गर्मी उत्सर्जित होती है जो वायुमंडल में जाकर नष्ट हो जाती है।

Conclusion निष्कर्स

इलेक्ट्रिक को लेकर मेरा मानना यह है अभी शुरुआती दिनों में सरकार को Electric Vehicle पर निर्भरता मैं जल्दबाजी नहीं करनी  चाहिए क्योंकि हैवी ड्यूटी के लिए अभी हमारी टेक्नोलॉजी इलेक्ट्रिक वाहन को लेकर उतनी डेवलप नहीं है इसलिए जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी आगे बढ़ेगी सरकार मार्केट से गैसोलीन से चलने वाले वाहन को हटाकर EV को रखना होगा इलेक्ट्रिक वाहन को लेकर कुछ कानून बनाने होंगे जिससे कंपनियों टैक्स मे छूट, बैटरी वारंटी, इंश्योरेंस और बीमा इन सब मे कस्टमर को छूट देनी होगी और इलेक्ट्रिक वाहन को लेकर लोगों में जागरूक करना होगा तभी लोग खरीदने के लिए आगे आयेगें। इस मामले मे आपकी क्या राय है कृपया कमेंट करके जरूर बताएं।

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