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Lithium ion Battery मानव जीवन को होने वाले नुकसान और फायदे

Lithium ion Battery के बिना जीवन असम्भव

Lithium ion Battery के बिना जीवन असम्भव

नमस्कार दोस्तो Lithium ion Battery आज के समय मे किसी न किसी रूप मे हर व्यक्ति इसका उपयोग करता है ज्यादा तर युवा वर्ग मोबाइल,टैबलेट,लैपटाप आदि के रूप मे यूज करता है अब तो यह बैटरी किसानो के लिए भी दवा छिडकाव करने वाली मसीन व अन्य कृषि यन्त्र मे उपयोग किया जा रहा है, इसलिए इसकी कार्य प्रडाली को समझना आवश्यक है। यह कैसे काम करती है। बैटरी के बैकप को कैसे बडाया जाय तथा इससे होने वाले नुकसान को भी समझेंगे।

हम लोगो को नई नई टेक्नोलोजी से अवगत कराने वाले 03 बैज्ञानिक 1. अकीरा यूसीनो,जानगुडनफ और स्टैली ने 1970 के दशक मे Lithium ion Battery पर काम किया था जिन्हे बडे बहुत सालो बाद वर्ष 2009 मे कमेस्ट्री का नोबेल पुरूस्कार दिया गया । इन्ही आत्माओ की देन है आज हम सार्ट बीडियो अपने मोबाइल मे आसानी से लम्बे समय तक देख पाते है ।

पहली बात अपने दिमांग से बिल्कुल निकाल दीजिए कार की बैटरी और मोबाइल की बैटीर दोनो अलग होती है दोनो बैटरियां एक ही सिधान्त पर काम करती है। हाँ उनकी बनावट और कैपसिटी अलग अलग होती है।

अन्य सभी बैटरी की तरह इस बैटरी मे भी दो सिरे होते है पहला कैथोड (प्लस वाला सिरा लीथियम मेडल आक्साइड  limo2) दूसरा एनोड (माइनस वाला सिरा  ग्रेफाइड) बीच मे एक सिप्रेटर (पोली एथिलीन, पाली प्रोपलीन)के रूप मे एक इलेक्ट्रोलाइट (लीथियम साल्ट) होता है जो इलेक्ट्रान को कैथोड से एनोड और एनोड से कैथोड की तरफ भेजीती है। हाँ इस इलेक्ट्रोलाइट का एक काम और होता है यह ग्रेफाइट और लीथियम आयन समान मात्रा मे न मिलने पाये। जैसा कि हम सब जानते है जब भी किसी एक तरफ ग्रेफाइड और लीथियम आयन जब समान मात्रा मे इकट्ठा हो जाते है तो विस्फोट होने का डर बना रहता है

जब बैटरी मे करन्ट (i) फ्लो किया जाता है कैथोड पर चिपके हुए लीथियम आयन अपने पास से पोजिटिव आयन को छोडते है जो सिप्रेटर से होते हुए एनोड के सिरे पर लीथीएटेड कार्बन के रूप मे इकट्ठा होते है। आइए चार्जिंग और डिसचार्जिंग की प्रक्रिया को समझते है।

 कैथोड सिरे पर होने वाली क्रिया    LiMO2–Li+ + Mo2 + e

एनोड सिरे पर होने वाली क्रिया     C6  + Li+  + e  — LiC6

टोटल बैटरी का रिएक्सन          LiMO2 + C6 — Mo2 + LiC6

यह प्रक्रिया चार्जिंग प्रक्रिया के बिल्कुल उल्टा होती है इस प्रक्रिया मे एनोड पर चिपके हुए लीथीएटेड आयन बैटरी के डिस्चार्ज होने के साथ साथ कैथोड पर पुनः आकर इकट्ठा होते है

कैथोड सिरे पर होने वाली क्रिया  Mo2 + Li+  + e  — LiMO2

एनोड सिरे पर होने वाली क्रिया  LiC6 — C6 + Li+  + e 

 टोटल बैटरी का रिएक्सन      Mo2 + LiC6– + LiMO2 +C6

बेसिकली जब हम अपने मोबाइल की बैटरी या अन्य बैटरी चार्ज करते है तो लीथियम आयन कैथोड से एनोड की साइड चले जाते है जब बैटरी चार्ज से हटाकर उपयोग करते है उस समय बैटरी डिस्चार्ज होती है उस समय यही लीथियम आयन एनोड से कैथोड साइड चले जाते है। यही सतत प्रक्रिया चार्ज और डिस्चार्ज की चलती रहती है

सिम्पल वर्किंग समझ मे आ गयी है तो चलो अब इसके फायदे और फिर इसके डिसएडवांटेज को भी समझते है।

  1. यह बैटरी हल्की होती इसलिए इसे गाडी व मोबाइल फोन मे यूज करना आसान है। गाडी मे हल्की बैटरी होगी तो गाडी कम पावर लेगी और ज्यादा दूर तक चलेगी। मोबाइल मे हल्की बैटरी होगी तो गिरने से टूट फूट कम होगी।
  2. Lithium ion Battery अन्य बैटरी से हल्की होने के साथ-साथ इसका बैकप भी ज्यादा होता है।

देखिए भाई जैसी की पुरानी कहावत है एक सिक्के के दो पहलू होते है वैसे ही इस बैटरी के साथ है अगर इसके फायदे है तो इसके नुकसान भी होगें।

  1. यह बैटरी ज्यादा टैम्परेचर को झेल नही पाती इसके खराब होने या विस्फोट होने का डर बना रहता है।
  2. इस बैटरी मे चार्ज को ज्यादा समय तक स्टोर नही किया जा सकता है।  

Lithium ion Battery के अलावा अन्य टाइप की बैटरी उपलब्ध है जैसे हाइब्रिड निकिल मेटल बैटरी,लेड एसिड हबैटरी, सोलिड स्टेट बैटरी, निकिल कैडमियम बैटरी और बहुत सी बैटरी टाइप है लेकिन इन सब मे ज्यादा लीथियम आयन बैटरी का Use किया जाता है।

Lithium ion Battery यह कोई ऐसी टेक्नोलोजी नही है जो इससे पहले नही थी इसका इतिहास बहुत पुराना रहा है बस आज हम लोग इस बैटरी को अपने खुरापाती दिमांग से ऐसा बना दिया है कि वह हमारे जीवन को बिल्कुल आसान बना दिया तभी तो हमारे हाथ मे एक छोटे से मोबाइल को लेकर सार्ट वीडियो और अच्छी अच्छी अपनी व दूसरो की तस्वीर खीचते है।   

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